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शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन )
एक अल्फाज मे लिख दू प्यार तुझे सांसे क्या लिख दू धड़कन तुझे राते तो ख़्वाबो कि दुश्मन है सबेरा क्या मैं लिख दू सूरज तुझे 29:11:2023 ©शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) #onenight #Hindi #प्यार #अल्फाज़ #sheetalchoudhary #मेरेशब्दसंकलन भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन NIDHI प्रशांत की डायरी Nîkîtã Guptā Bhavana kmishra
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read moremusical life ( srivastava )
खूबसूरती से सजाये किसी के प्यार भरे अल्फाज़., कभी-कभी बेमाने से लगते हैं! सच्चाई कब तलक छुपती हैं भला.. जब किसी का दोहरा चरित्र ख़ुल कर सामने आता हैं.!! ©# musical life ( srivastava ) #kinaara#अल्फाज़ Neel एक अजनबी R K Mishra " सूर्य " Suresh Gulia अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर
puja udeshi
अल्फाज़ दिल ❤️का आइना हैं दोस्तों जब दिल बेचैन होने लगता हैं अल्फाज़ बाहर आ जाते हैं खुद क़ो भी उदास कर देते हैं और दूसरे भी सोचते रह जाते हैं ये अल्फाज़ जीने नहीं देते दिल से दिमाग तक की दूरी तय कर mobile मे शब्द बन बिखर जाते हैं 🤔 ©Puja Udeshi #अल्फाज़ भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Mili Saha Ashutosh Pandey (Aashu ) R K Mishra " सूर्य " SIDDHARTH.SHENDE.sid
#अल्फाज़ भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Mili Saha Ashutosh Pandey (Aashu ) R K Mishra " सूर्य " SIDDHARTH.SHENDE.sid
read moresakshi yadav
किसी भी बंधन में बंध जाने से पहले तुम एक अच्छे इंसान बनना और दूसरे इंसान के पीड़ा को समझना ©sakshi yadav #शायरी #इंसान #बंधन #पीड़ा #इंसानियत #अल्फाज़ #साक्षी
Neelesh
बड़ी शिद्दत से चाहा था हमने जिसे वो हमें अपने अल्फाजों से घायल कर रहे है वक्त की मारने हमें बहुत मारा है हमें मुझे एक दोस्त हमदर्द चाहिए जो मुझे पार पा सके घायल तो करता है जमाना हमें दर्द मिटाने वाले मलहम लगाने की तलाश थी पर वो तो हमारे घावों को कुरेदने को उतारू है हमें ऐसा तो हमदर्द नहीं चाहिए ©Neelesh #mountain #अल्फाज़ #दर्द_ए_दिल #खामोशियाँ #तकलीफें
#mountain #अल्फाज़ #दर्द_ए_दिल #खामोशियाँ #तकलीफें
read moreGhumnam Gautam
रूठे-से """"""""""""" आज फिर... शब्द रूठे-से हैं भावनाएँ... आकार लेकर उभरने से इनकार कर रही हैं... और यादें... समन्दर-सी उमड़ रहीं हैं दिल में छलक रहीं हैं आँसू बनकर और मैं... बैठा हूँ कविता करने जो मुझसे कभी होती ही नहीं लेकिन अपनी भी ज़िद है शब्दों को... दर्द के साँचे में ढालकर पिघलाऊँगा जलाऊँगा... खुद को ग़मों की तपिस में हाँ,ग़म... जो कुछ अपनों ने दिए कुछ ग़ैरों ने एक तो... तुम्हारा है जिसे सहेज रखा है मैंने मैं... उसी को कुरेदूँगा दिल अंदर तक छेदूँगा दर्द... अगर तब होगा तो निश्चित कुछ शब्द फूटेंगे उन्हीं... शब्दों को जतन से पिरोकर पन्ने पर लिख डालूँगा फिर... चाहे उन्हें कोई कविता समझे या ना समझे ©Ghumnam Gautam #standout #आज #रूठे #भावनाएँ #इनकार #दर्द #अल्फाज़ #ghumnamgautam
भाग्यदर्पण एस्ट्रो एवं वास्तु संस्थान
ख्यालों के बंद डिब्बो से कुछ अल्फाज़ आज निकाले हैं थी कुछ नमी उनमे हवा मे आज ही निकाले हैं, कुछ उनमे सुने सुने से और कुछ अनसुने भी हैं आ गयी थी उनकी याद सो आज ही निकाले हैं, हौसला थे वो मेरे कभी तो कभी दर्द भी बयां करते थे बीते वक़्त से चुप थे कँही सो आज ही निकाले हैं, अधूरा मैं इनके बिना मेरे बिन ये भी थे उदास लगी गर्द साफ करने को इन्हे आज ही निकाले हैं.. ©Jai Pathak #अल्फाज़