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White ऑनलाइन ०००००० ऑनलाइन मत आना

White 















ऑनलाइन
००००००

ऑनलाइन मत आना
 आज
मुझे देखने छत पर जाना 

स्क्रीन 
मुझे नहीं दिखा सकती पूरा 
चांद मुझे  पूरा दिखा सकता है

शायद
 चांद कहे तुमसे
मेरे बारे में ---
मैं छत पर हूँ 
और
एक किस्सा सुना रहा हूँ 
चांद को - 
एक पगली है
स्क्रीन पर रहती है
स्क्रीन में हंसती है
स्क्रीन में रोती है
आंखें सुजा लेती है.... 

उसको कहना मेरे बारे में
प्रेम में मेरी आँखें
कभी जलती नहीं

मैं चांद के जमाने से प्रेम करता हूँ
स्क्रीन का जमाना आज आया।

©Naresh Kumar khajuria 
  चांद पर प्रेम

चांद पर प्रेम #Poetry

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