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मेरे पास न दावे हैँ करने को. न क्रांति का कोई पर

मेरे पास  न दावे हैँ करने को.
न क्रांति  का कोई परचम हैँ फहराने को
मेरे पास सिर्फ एक यथार्थ हैँ वो भी सहा हुआ
शुद्ध  ख़ालिस  मखन क़ी तरह
दही से बिलोडा  हुआ

©Arora PR
  न दावे  न  परचम
arorapr7519

Arora PR

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न दावे न परचम #कविता

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