बारिश की बूंदे जब तेरे लबों को छू कर गुजरती होगी,

बारिश की बूंदे जब तेरे लबों को छू कर गुजरती होगी,
क्या उसके ख्वाब जमीं पर ठहरती होगी..?
उसे जन्नत और मुझे जहनूम में क्यों रखते हो?
मेरी जगह teddy 🧸 bear को बांहों में क्यों भरते हो...🫤

©विष्णु कांत
  #बारिशकीबूंदे
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