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पता है तुम कैसी हो... एक दम खिली हुई धूप सी, जैसे

पता है तुम कैसी हो...
एक दम खिली हुई धूप सी,
जैसे पारियों के शहर के महबूब सी,
कभी नूरानी रूप सी,
कभी कुरान के आयतों के हर्फ सी,
कभी दुनिया के सबसे खूबसूरत ज़र्फ़ सी,
तुम ऐसी हो,जैसा कोई और नहीं,
तुम हो तो,इस दिल का 
तुम्हारे सिवा कोई ठौर नहीं
तुम भी थोड़ी थोड़ी पागल हो,
कुछ कुछ मुझ जैसी हो...
तुम ही तो अब मेरे,
चेहरे की हंसी हो
Abhishekism 
22nd May 2019
(5:22 PM) #abhishekism
#poem #poet
#poems
पता है तुम कैसी हो...
एक दम खिली हुई धूप सी,
जैसे पारियों के शहर के महबूब सी,
कभी नूरानी रूप सी,
कभी कुरान के आयतों के हर्फ सी,
कभी दुनिया के सबसे खूबसूरत ज़र्फ़ सी,
तुम ऐसी हो,जैसा कोई और नहीं,
तुम हो तो,इस दिल का 
तुम्हारे सिवा कोई ठौर नहीं
तुम भी थोड़ी थोड़ी पागल हो,
कुछ कुछ मुझ जैसी हो...
तुम ही तो अब मेरे,
चेहरे की हंसी हो
Abhishekism 
22nd May 2019
(5:22 PM) #abhishekism
#poem #poet
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