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White शीर्षक- मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुल

White शीर्षक- मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
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मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है।
बीबी की सलाह से ही अब, वह करता हरकाम है।।

लगती नहीं अच्छी उसको, माँ बाप की फरमाईश।
 बीबी की करता है पूरी, अब तो वह हर ख्वाहिश।।
सुबह शाम बस बीबी को, वह करता सलाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से --------------------------।।

बीबी को पीहर है प्यारा, पीहर वालों का करती स्वागत।
सास ससुर को आँख दिखाती, देवर ननद से शिकायत।।
शौहर को दिखाकर जलवें, शौहर पे रखें लगाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से ----------------------------।।

दर दर भटके सहारे को, भूखे प्यासे माता पिता।
लेकिन वह बेशर्म बेटा, उन पर रहम नहीं करता।।
बीबी सँग वह मस्त महल में, अब बिताता शाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से --------------------------।।

लगते हैं माँ बाप बोझ अब, उसको बचपन याद नहीं है।
माँ की ममता के आँचल से, उसको अब प्यार नहीं है।।
भाई बहिनों का संग उसको, अब लगता बदनाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से ----------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार
White शीर्षक- मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
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मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है।
बीबी की सलाह से ही अब, वह करता हरकाम है।।

लगती नहीं अच्छी उसको, माँ बाप की फरमाईश।
 बीबी की करता है पूरी, अब तो वह हर ख्वाहिश।।
सुबह शाम बस बीबी को, वह करता सलाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से --------------------------।।

बीबी को पीहर है प्यारा, पीहर वालों का करती स्वागत।
सास ससुर को आँख दिखाती, देवर ननद से शिकायत।।
शौहर को दिखाकर जलवें, शौहर पे रखें लगाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से ----------------------------।।

दर दर भटके सहारे को, भूखे प्यासे माता पिता।
लेकिन वह बेशर्म बेटा, उन पर रहम नहीं करता।।
बीबी सँग वह मस्त महल में, अब बिताता शाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से --------------------------।।

लगते हैं माँ बाप बोझ अब, उसको बचपन याद नहीं है।
माँ की ममता के आँचल से, उसको अब प्यार नहीं है।।
भाई बहिनों का संग उसको, अब लगता बदनाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से ----------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार