तू फेक कर देख ये एसिड मेरे रूह पे वो अपना अस्तित्व खो देगा खुद भाप बनके हवा पे अपना अस्तित्व ढूंढेगा। बहत कमजोर है तेरा इरादा पिघलाने चले हो चमड़ी को जो हवा पानी धूप समय सब के मोहताज है। तू मेरे हौसले को तो पिघला के देख देखती हूं कितना आग है जो लावा बनके बहता है तेरे जिग्र में अच्छा तू खुश हो जा अब हमने तुम्हे मर्द का खिताब दे दिए बहादुर के ताज भी पहना दिए पर तब मत बोलना जब आईना तुम्हे नामर्द बोले जब वो तुम्हे बुजदिल बोलके हसने लगे तेरे अंतर आत्मा तुम्हे धुतकारने लगे। में तो फिर भी गर्व से जीऊंगी कुछ पहले से ज्यादा ही सही तू क्या झुकाएगा जो खुद कभी झुकना सीखी ही नहीं। लेकिन अब बोल दो क्या तू खुद ही सर उठाकर चल पाएगा अगर चल भी लेगा बेशर्मी की हद पार कर के दरिदंगी का बादशाह बनके हैवानियत भी तुम्हारे सामने सर झुकाएगा। तू फेक कर देख ये एसिड मेरे रूह पे वो अपना अस्तित्व खो देगा खुद भाप बनके हवा पे अपना अस्तित्व ढूंढेगा बहत कमजोर है तेरा इरादा पिघलाने चले हो चमड़ी को जो हवा पानी धूप समय सब के मोहताज है तू मेरे हौसले को तो पिघला के देख