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हसरत थी मुझे जिस हमसफ़र कि वो चेहरा हो तुम ,झील सी

हसरत थी मुझे जिस हमसफ़र कि वो चेहरा हो तुम ,झील सी आंखे जिसमें डूब जाने कि थी मेरी तमन्ना वो चेहरा हो तुम, रेशमी जुल्फें जिसके साये में खो जाऊं मैं, वो चेहरा हो तुम,शबनमी होंठ जिसे पीने कि थी ख्वाहिश ,वो चेहरा हो तुम,एक शायर का मुकम्मल हसिन ख्वाब हो जैसे,वो चेहरा हो तुम।

©Amit Sir KUMAR
  #Valentine वो चेहरा हो तुम...

#Valentine वो चेहरा हो तुम... #शायरी

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