Nojoto: Largest Storytelling Platform

महिमामयी गुरू हैं, नि:स्वार्थ भव से तारें। करते द

महिमामयी गुरू हैं, 
नि:स्वार्थ भव से तारें।
करते दया निछावर
 सदभाव से हैं न्यारे।
अज्ञानता से आसित 
हम आए तेरे शरण में,
स्वीकार कर लो हमको, 
हम जैसे भी तुम्हारे। महिममयी....
अन्धेर की ये नगरी, गुरुवर!
हमको सता रही है।
 चरणों में दे दो आश्रय, 
हम ना हो बेसहारे । महमामयी....
हम किसको जा सुनाएं, गुरुवर! 
यह मन हुआ है व्याकुल।
हंसती है हम पर दुनिया,
 तुम बिन किसे पुकारें। महिमामयी....
छलती रही है दुनिया, 
चुभतें शूल से हम।
खुश करते करते सबको, 
हम क्यों खुशी से हारे। सहिमा....
करते हैं तुमको अर्पण, गुरुवर! 
जीवन के सत्व, रज, तम।
कर दो कृपा दयानिधि, 
नैय्या लगे किनारे।
महिमामयी ........

©संवेदिता "सायबा" दोस्तों! पूरा गीत सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं 👇👇👇
https://youtu.be/--7o7vafBd8

#Gurupurnima #गुरुपूर्णिमा #संवेदिता #सायबा #गीत #samvedita #Nojoto #Song #nojotohindi #Poetry Saad Rudaulvi Kumar Shaurya Banjara Prince_" अल्फाज़" शिवोम उपाध्याय
jaiambe4696

Smvedita

Silver Star
Growing Creator

दोस्तों! पूरा गीत सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं 👇👇👇 https://youtu.be/--7o7vafBd8 #Gurupurnima #गुरुपूर्णिमा #संवेदिता #सायबा #गीत #samvedita Nojoto Song #nojotohindi Poetry Saad Rudaulvi Kumar Shaurya Banjara Prince_" अल्फाज़" शिवोम उपाध्याय

751 Views