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महक् तेरी सांसों की इस कदर महकती है। अरमानों की कश

महक् तेरी सांसों की इस कदर महकती है।
अरमानों की कश्ती मेरी दर पर तेरे ही ठहरती है।
जन्नत सा लगता है वो पल जब तू संग टहलती है ।
आरजू कुछ रह नहीं जाती जब साथ मेरे तू चलती है ।।

©Madan Faniyal Singh
  #महक ।
madanfaniyalsing6853

Faniyal

Bronze Star
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#महक#शायरी

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