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विद्रोही कैसे तुम बिन मैंने गुजारी है रात जुदाई की

विद्रोही कैसे तुम बिन मैंने गुजारी है रात जुदाई की ।
तकियों पर पड़े निशां सुनायेंगे कहानी मेरी तबाही की।१।

शायद तुमको एतबार न हो तकिये की गवाही की।
एक पल एक लम्हा सदियों सा लगा है इंतज़ार में माही की।२।

तुमने क्या सोचा था कि हम तुम्हें यूँ ही भुला देंगे।
तुम अकेले में मत सुनना कभी मेरी बरबादी के किस्से,
क्योंकि तेरे ज़िद और मेरे बरबादी के किस्से तुझे रुला देंगे।३।

जब तुम आओगे मेरे कमरे में तो तुमको तुम्हारे हाथों के निशान मिलेंगे ।
तुमको मेरे कमरे में एक डायरी और कुछ अधूरे से टूटे हुए ख़्वाब मिलेंगे।४।

उस डायरी में तुम्हारा ज़िक्र और तुम्हारे दिए हुए कुछ सूखे ग़ुलाब मिलेंगे।
जिस डायरी में अपने इश्क़ की दास्तां लिखने
को मैंने जिस्म के लहू को श्याही की।५।


 #NojotoQuote विद्रोही कैसे तुम बिन मैंने गुजारी है रात जुदाई की ।
तकियों पर पड़े निशां सुनायेंगे कहानी मेरी तबाही की।१।

शायद तुमको एतबार न हो तकिये की गवाही की।
एक पल एक लम्हा सदियों सा लगा है इंतज़ार में माही की।२।

तुमने क्या सोचा था कि हम तुम्हें यूँ ही भुला देंगे।
तुम अकेले में मत सुनना कभी मेरी बरबादी के किस्से,
विद्रोही कैसे तुम बिन मैंने गुजारी है रात जुदाई की ।
तकियों पर पड़े निशां सुनायेंगे कहानी मेरी तबाही की।१।

शायद तुमको एतबार न हो तकिये की गवाही की।
एक पल एक लम्हा सदियों सा लगा है इंतज़ार में माही की।२।

तुमने क्या सोचा था कि हम तुम्हें यूँ ही भुला देंगे।
तुम अकेले में मत सुनना कभी मेरी बरबादी के किस्से,
क्योंकि तेरे ज़िद और मेरे बरबादी के किस्से तुझे रुला देंगे।३।

जब तुम आओगे मेरे कमरे में तो तुमको तुम्हारे हाथों के निशान मिलेंगे ।
तुमको मेरे कमरे में एक डायरी और कुछ अधूरे से टूटे हुए ख़्वाब मिलेंगे।४।

उस डायरी में तुम्हारा ज़िक्र और तुम्हारे दिए हुए कुछ सूखे ग़ुलाब मिलेंगे।
जिस डायरी में अपने इश्क़ की दास्तां लिखने
को मैंने जिस्म के लहू को श्याही की।५।


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तकियों पर पड़े निशां सुनायेंगे कहानी मेरी तबाही की।१।

शायद तुमको एतबार न हो तकिये की गवाही की।
एक पल एक लम्हा सदियों सा लगा है इंतज़ार में माही की।२।

तुमने क्या सोचा था कि हम तुम्हें यूँ ही भुला देंगे।
तुम अकेले में मत सुनना कभी मेरी बरबादी के किस्से,

विद्रोही कैसे तुम बिन मैंने गुजारी है रात जुदाई की । तकियों पर पड़े निशां सुनायेंगे कहानी मेरी तबाही की।१। शायद तुमको एतबार न हो तकिये की गवाही की। एक पल एक लम्हा सदियों सा लगा है इंतज़ार में माही की।२। तुमने क्या सोचा था कि हम तुम्हें यूँ ही भुला देंगे। तुम अकेले में मत सुनना कभी मेरी बरबादी के किस्से, #Life #Love #प्यार #शिकायत #ग़ुलाब #vद्रोही