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Bramhan Ashish Upadhyay
ये बढ़ी बढ़ी सी दाढ़ी और ये बिखरे बाल न होते। दिल न दुःखता जेब में पैसे होते हम कंगाल न होते। हिमाचल की तरह शान्त और ख़ूबसूरत होती ये ज़िंदगी । तुम न आते ज़िंदगी में तो रोज़ कश्मीर से बवाल न होते।। ©ब्राह्मण आशीष उपाध्याय ये बढ़ी बढ़ी सी दाढ़ी और ये बिखरे बाल न होते। दिल न दुःखता जेब में पैसे होते हम कंगाल न होते। हिमाचल की तरह शान्त और ख़ूबसूरत होती ये ज़िंदगी । तुम न आते ज़िंदगी में तो रोज़ कश्मीर से बवाल न होते।। #Feeling #Love #Broken #evening #soulmate #vद्रोही #Hindi #nojohindi
Bramhan Ashish Upadhyay
कि वो जो अपना सर झुकाए बैठे हैं। लगता है चैन सकूँ सब गवाए बैठे हैं।। ख़ामोश लव और उनकी आँखों में नमी। लगता है कस के चोट खाए बैठे हैं।। लगता है दिल पर चोट खाए बैठे हैं।। ©ब्राह्मण आशीष उपाध्याय कि वो जो अपना सर झुकाए बैठे हैं। लगता है चैन सकूँ सब गवाए बैठे हैं।। ख़ामोश लव और उनकी आँखों में नमी। लगता है कस के चोट खाए बैठे हैं।। लगता है दिल पर चोट खाए बैठे हैं।। #vद्रोही #ब्राह्मण_आशीष_उपाध्याय
Bramhan Ashish Upadhyay
न मिला था,अब मिलेगा हमको रोज़गार अब इसकी आस नहीं। इनकी पोटली में सिर्फ़ वादे हैं रोज़गार देने का प्रयास नहीं।। माँगते हैं रोज़गार तो मिलती हैं अनगिनत लाठियाँ। ज़िंदा है लोकतंत्र इस बात पर संशय है हमें विश्वास नहीं।। अभिनेताओं की छींक भी बटोरती हैं बड़ी सुर्ख़ियाँ साहब। मर जायें हम या लुटे हमारी बेटियाँ ये बात तो ख़ास नहीं।। ©ब्राह्मण आशीष उपाध्याय न मिला था,अब मिलेगा हमको रोज़गार अब इसकी आस नहीं। इनकी पोटली में सिर्फ़ वादे हैं रोज़गार देने का प्रयास नहीं।। माँगते हैं रोज़गार तो मिलती हैं अनगिनत लाठियाँ। ज़िंदा है लोकतंत्र इस बात पर संशय है हमें विश्वास नहीं।। अभिनेताओं की छींक भी बटोरती हैं बड़ी सुर्ख़ियाँ साहब। मर जायें हम या लुटे हमारी बेटियाँ ये बात तो ख़ास नहीं।। #Dilade #rojgar #ashishvoice #vद्रोही
Bramhan Ashish Upadhyay
Bramhan Ashish Upadhyay
आओ एक राजा किस्सा हम सुनाते हैं। अच्छे दिन का वादा कर सत्ता में आते हैं।। यूँ तो रहते हैं साहब विदेशों में ही। बस कभी-कभी वो अपने देश आते हैं।। ये सुनते नहीं हैं किसी की। बस अपने मन की बात सुनाते है।। न पूरी हुई और न ही पूरी होंगी। ये जो योजनाएं बहुत बनाते हैं।। वादा किया था जिसने न खाने देने का। आशीष वो देश का सबकुछ बेंच खाते हैं।। आओ एक राजा किस्सा हम सुनाते हैं। अच्छे दिन का वादा कर सत्ता में आते हैं।। यूँ तो रहते हैं साहब विदेशों में ही। बस कभी-कभी वो अपने देश आते हैं।। ये सुनते नहीं हैं किसी की। बस अपने मन की बात सुनाते है।।
Bramhan Ashish Upadhyay
कर्मों से ही सम्मान मिलेगा,कर्मों से ही ज़लील होगा। कर्म ही होंगे दलील तेरे और दूसरा न दलील होगा।। धरी रह जायेंगी सारी चालाकियां,भगवान की अदालत में। न कोई वादी,न प्रतिवादी,न गवाह,न ही कोई वक़ील होगा।। हर हर महादेव कर्मों से ही सम्मान मिलेगा,कर्मों से ही ज़लील होगा। कर्म ही होंगे दलील तेरे और दूसरा न दलील होगा।। धरी रह जायेंगी सारी चालाकियां,भगवान की अदालत में। न कोई वादी,न प्रतिवादी,न गवाह,न ही कोई वक़ील होगा।। हर हर महादेव #yqbaba #nojo #KARM #result
Bramhan Ashish Upadhyay
अपने लबों पर कभी मेरा नाम लाया न कर। खोल कर गेसुयें,मेरे दिल पर कहर ढाया न कर।। तेरे मुस्कुराने से शक़ हुआ है जमाने को। मुझे देख कर,तू यूँ मुस्कुराया न कर।। ये तेरी झुकी नज़रें ही तो क़त्ल करती हैं। तू मेरी बातों पे शर्मा कर यूँ नजरें झुकाया न कर।। लाख पहरे हैं, मेरी दिल-ए-मोहब्बत पर ज़माने की। लेकिन तू यूँ बेवक़्त मुझसे मिलने आया न कर।। चाँद निकलने का, भरम हुआ था आशीष पूरे शहर को। तू यूँ शाम ढले छत पर आया-जाया न कर।। अपने लबों पर कभी मेरा नाम लाया न कर। खोल कर गेसुयें,मेरे दिल पर कहर ढाया न कर।। तेरे मुस्कुराने से शक़ हुआ है जमाने को। मुझे देख कर,तू यूँ मुस्कुराया न कर।। ये तेरी झुकी नज़रें ही तो क़त्ल करती हैं। तू मेरी बातों पे शर्मा कर यूँ नजरें झुकाया न कर।।
Bramhan Ashish Upadhyay
किसी की पनाहों में जाना क्या? ये पनाह मिलेगी रोजाना क्या?? आये थे चुपके से इश्क़ के बाज़ार में। इश्क़ में लुटने पर अब शोर मचाना क्या? वो अपना होता तो छोड़ न जाता। गैरों के लिए रो कर मर जाना क्या?? इश्क़ में जो टूटा है मेरा दिल जाना। इस टूटे दिल का मिलेगा हरजाना क्या? ले लें इंतकाम अपना?कर दें बरबाद उसे आशीष ? लेकिन!अपने इश्क़ को यूँ भरे बाज़ार नचाना क्या? किसी की पनाहों में जाना क्या? ये पनाह मिलेगी रोजाना क्या?? आये थे चुपके से इश्क़ के बाज़ार में। इश्क़ में लुटने पर अब शोर मचाना क्या? वो अपना होता तो छोड़ न जाता। गैरों के लिए रो कर मर जाना क्या??