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चल दिए, दिल में उम्मीद लिए, पैरो को हौसलों का पंख

चल दिए, दिल में उम्मीद लिए,
पैरो को हौसलों का पंख लगा था ।

भूख से आंखे नम थी, हौसलों ने पेट भरा,
चल दिए, दिल में उम्मीद लिए।

ये शहर नागवार थी, इमारतें आंखे कचोटती ;
मंजिले बहुत दूर थी,
फिर भी चल दिए, दिल में उम्मीद लिए।

साथियों का साथ मिला, कुछ ने सफ़र में साथ छोड़ा,
हम रुके नहीं, चल दिए दिल में उम्मीद लिए ।

सफ़र में आंखे धूमिल हो रही थी,
लेकिन, घर बांहे फैलाए इंतजार कर रहा था ।
चल दिए, दिल में उम्मीद लिए।

मंजिले मिल ही जायेगी, आज ना कल,
ना मिली तो मोक्ष मिलेगा,
बस चलते रहना है, दिल में उम्मीद लिए ।
~आनंद #migrant
चल दिए, दिल में उम्मीद लिए,
पैरो को हौसलों का पंख लगा था ।

भूख से आंखे नम थी, हौसलों ने पेट भरा,
चल दिए, दिल में उम्मीद लिए।

ये शहर नागवार थी, इमारतें आंखे कचोटती ;
मंजिले बहुत दूर थी,
फिर भी चल दिए, दिल में उम्मीद लिए।

साथियों का साथ मिला, कुछ ने सफ़र में साथ छोड़ा,
हम रुके नहीं, चल दिए दिल में उम्मीद लिए ।

सफ़र में आंखे धूमिल हो रही थी,
लेकिन, घर बांहे फैलाए इंतजार कर रहा था ।
चल दिए, दिल में उम्मीद लिए।

मंजिले मिल ही जायेगी, आज ना कल,
ना मिली तो मोक्ष मिलेगा,
बस चलते रहना है, दिल में उम्मीद लिए ।
~आनंद #migrant