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कहीं कोई अपना जुदा हो गया है, दामन छुड़ा के चला वो

कहीं कोई अपना जुदा हो गया है,
दामन छुड़ा के चला वो गया है।

किससे कहूं तीर कितने चले हैं,
छल्ली मेरे दिल को कर वो गया है।

जीना भी मुश्किल हुआ है जहां में,
सिला प्यार का मुझको ऐसा मिला है।

सबब पूछते सब उदासी का मेरे,
बताऊं मैं क्या  खो गया क्या मेरा है।

©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
  # जुदा हो गया है।