मुझे चाय में चीनी कम भी चलेगी मगर प्यार में मिठास पूरी चाहिए ज्यादा पास रखने से भी घुटते है रिश्ते सारे रिश्तों में ज़रा सी दूरी चाहिए मैं बचपन में वापिस लौट जाता हूँ बस मुझे माँ के हाथ की चूरी चाहिए यार तेरे बिना भी जी सकता हूँ मैं तूँ सांस थोड़े है जो जरूरी चाहिए बिना किसी ऐब के ही लिख लेता हूँ क्योँ कहते है शायरों में आदतें बुरी चाहिए #cinemagraph #रमज़ान_कोराकाग़ज़ रमज़ान उन्तीसवाँ दिन