इस सुनसान जँगह पैं अब सुंखुन सा मँहसुस होता है। बौहंंत होगया गर्दिश में रँहना ..अब तन्हाई में रँहना भी दिल को जुर्म सा लगता है। ©nitu Kolhe गर्दिश #Trees