जो आदमी शामिल था कई सारी साज़िशो मे आज वही आदमी अदालत मे मुंसिफ बना हुआ दिख रहा है खून खराबे और झगडे फसाद की खबरें तों रोज छपती है यहां अफ़सोस अच्छी खबरों के लिए इस धहर मे एक भी अख़बार नहीं दिख रहा है जो शख्स महरूम रहा मदरसों से ताउम्र आज वही शख्स सड़क पऱ थैला लगा कर चाय बेच रहा है ©Parasram Arora जो आदमी.....