फूल से खार ना ज़ुदा रखना । अब किसी से नही गिला रखना ।।१ कर नही भेद बेटियों से तू । प्यार ये एक सा सदा रखना ।।२ बीज जो बो रहें नफ़रतों के । यार उनको न दरमिया रखना ।।३ सुन पराया नहीं यहाँ कोई । सब सलामत रहें दुआ रखना ।।४ हर किसी से कहूँ यहाँ क्या मैं । प्यार मे दिल सदा बड़ा रखना ।।५ यार आये नहीं हमारे अब । किस तरह आज हौसला रखना ।। टूट जाए न दिल प्रखर का अब । दर्द ए दिल दवा सदा रखना ।। २३/०४/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR फूल से खार ना ज़ुदा रखना । अब किसी से नही गिला रखना ।।१ कर नही भेद बेटियों से तू । प्यार ये एक सा सदा रखना ।।२ बीज जो बो रहें नफ़रतों के । यार उनको न दरमिया रखना ।।३