कब तक बने रहेंगे हम शांति के दूत.....
#कबतक तक बलिदान देंगीं माँए अपने वीर सपूत.....
क्यों नहीं भरते हम बुलन्द दहाड़?
क्यों नहीं करते हम भेड़िये का संहार?
वन्दे मातरम की ललकार से नापाककिस्तानिओं हिलाना होगा.....
भेडियो को उसकी मांद में घुस के पटकना होगा..…..
कब तक किस्मत की लकीर को लहुंलुहाँ करवाते रहेंगे हम...
लातों के भूत को बातों से कब तक मानाते रहेंगे हम..... #India#poem#Kabtak#15august#निशीथ#Nojotoimageprompt#AugustCreator#AzaadKalakaar