चांदनी रात और तेरा साथ, मेरे दिल को बहुत भाता है, एक घूँघट में एक बदली में, दो-दो चांद नज़र आता है। चांदनी मुख पर छटा बिखेरे, तो सूरत ऐसी खिल जाए, मुझे तो तेरे रूप में ही, चांद का अक्स नज़र आता है। #चांदनी_रात_और_तेरा_साथ_team_alfaz #newchallenge There is new challenge of poem/2 line/4 line in whatsapp group (link in bio) Today's Topic is *चांदनी रात और तेरा साथ*