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अब ठहरा हूँ, तो किराया देकर जाऊं, हर शख़्स को उसका

अब ठहरा हूँ, तो किराया देकर जाऊं,
हर शख़्स को उसका बकाया देकर जाऊं ।

मुझे सिफत-ए-अब्र अता कर मौला,
मैं शज़र को भी वापस छाया देकर जाऊं।

©परिंदा
  #UskePeechhe  R K Mishra " सूर्य " Harshil Adani Social Awareness poonam atrey