#Pehlealfaaz मैं भावनाओं का खेल हूँ, मैं शब्दों का मेल हूँ। मैं ज्वाला सी गर्म ,बादल सी नर्म हूँ। मैं हवा सी चंचल, बिन मेघ बरसात हूँ .. मैं आजाद हूँ,फक्कड़ो की पहचान हूँ। थोड़ा इठला कर चलतीं ,मैं सौंदर्य गान हूँ.. तो कभी दर्दभरी आवाज हूँ। मैं कराहती चीजों के लिए नर्म हाथ हूँ। मैं प्राणहीन में प्राण डालती एक चमत्कार हूँ! मैं अदृश्य चीजों के लिए बन बैठी चित्रकार हूँ! पढ़ी जाऊँ सदियों बाद फिर भी ताजा वही मस्ती का अंदाज़ा हूँ। मैं ख्वाबों की बहती सरिता हूँ, सही पकड़ा मै "कविता " हूँ!! #Pehlealfaaz#nojotohindi#poem#words "कविता पर कविता लिखने की कोशिश" मेरे पहली बार अलफ़ाज़ सजाने का कारण दादा जी द्वारा पुछा प्रश्न था कि "कविता क्या है?" आज एक कविता उस कारण के नाम ।😀