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हो रहे हैं कत्लेआम इस ज़मीं पे हर वक्त हर जगह ।

हो रहे हैं  कत्लेआम इस  ज़मीं पे हर वक्त  हर जगह ।
निकल आईं लाशें ज़मीं से घास के तिनकों की तरह ।। 

(दर्पन कानपुरी)

©Darpan Kanpuri #लाशें
हो रहे हैं  कत्लेआम इस  ज़मीं पे हर वक्त  हर जगह ।
निकल आईं लाशें ज़मीं से घास के तिनकों की तरह ।। 

(दर्पन कानपुरी)

©Darpan Kanpuri #लाशें