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चुप सी हो गयी हूँ, पर दिल में शोर बहुत है, क्या कु

चुप सी हो गयी हूँ, पर दिल में शोर बहुत है,
क्या कुछ पल उस शोर को तुम सुन पाओगे 
लड़ती रहती हूँ तुमसे, पर दिल में प्यार बहुत है,
क्या कुछ लम्हे प्यार भरे मुझको दे पाओगे,
रूठ जाती हूँ तुमसे,पर दिल में इंतज़ार बहुत है,
क्या कभी मनाने के लिए तुम थोड़ा सा हार पाओगे,
ना कोई पल मेरे, ना कोई लम्हे मेरे, ना जीत कोई ना हार कोई, बस कुछ मांग लूँ क्या...
जब कभी किसी पड़ाव पर मुलाक़ात हो, तो क्या मेरे हिस्से की मोहब्बत मुझको दें पाओगे,
हाँ, जिसपर सिर्फ मेरा हक़ हो वो मोहब्बत मुझे कभी दें पाओगे।

©Shraddha
  #ख्वाहिश