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मिट्टी का घर, मिट्टी का दीया रौशन उसमे तु, मेरा बस

मिट्टी का घर,
मिट्टी का दीया
रौशन उसमे तु,
मेरा बस नाम यहाँ..
साकी है तु,
ये जँहा मैकदा,
मदहोश यहाँ सब,
होश मुझे है कँहा..
मुसाफिर हुँ मैं,
तु राह मेरा,
तुझे पाये बिन,
मैं भटकता यहाँ..
किताब है तु,
लफ़्ज़ मैं यहाँ,
तुझको जाने बिना,
किसने पायी मंज़िल यहाँ...

©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
  #तेरेबिन