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बहा के पसीना मंजिल को पाना पडता है तरक्कीयां दहे

बहा के पसीना मंजिल को पाना पडता है 

तरक्कीयां दहेज में नही मिलती

इन्हें कमाना पड़ता है"

©JITENDRA PATEL
  #Poet  #poem