ए दिले नादा तु फिर गलती कर बैठा है। किसी और की अमानत, तु अपनी, मोहबत समझ बैठा है। यु रात दिन खोया है, तु जिसके खायल मे, वो खुद उलझ बैठा है, अपने ही सवाल मे. जिसकी याद मे ,जाम, तु होटों से लगा बैठा है। उसे खबर ही नही , अपने दिल से बाजी यहा तु खुद हार बैठा है। ऐ दिल तु फिर गलती कर बैठा है. . swapnil. दिले नादान