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बहुत याद आती हैँ वो यादें, जो समय के साथ एक याद बन

बहुत याद आती हैँ वो यादें, जो समय के साथ एक याद बन गयी,
कब मिले हम, कब जुदा हुए कुछ याद नहीं,पर एक याद बन गयी,
याद आया वो चाहना, वो पुकारना, वो धीरे से हवा के साथ छू कर जाना,
सब कुछ तो याद है, पर ये सब यादें भी तो अब एक याद बन गयी।
वो मिले,तो यादें हकीकत बन गयीं और ये जिंदगी खुशनुमा बन गयी,
फिर उनका चाहना, पुकारना, हवा के साथ छू कर जाना, यादें सच हों गयी,
पर यादों को रास ना आया मेरा मुस्कुराना ,ये ख़ुशी भी एक याद बन गयी,
उनकी यादों में जीना, यादों में हॅसना, यादों को याद करना, ये यादें फरियाद बन गयी,
जिंदगी में सिर्फ यादें रह गयी, मेरे साथ सिर्फ यादें रह गयी।

©Shraddha
  #यादें