Nojoto: Largest Storytelling Platform

ग़ज़ल :- दिल किसी से लगाना बुराई नहीं । चाहतें दिल

ग़ज़ल :-

दिल किसी से लगाना बुराई नहीं ।
चाहतें दिल से उसकी मिटाई नहीं ।।१
कोई तुमसा यहाँ हरजाई नहीं ।
बाजी घर में मेरे शहनाई नहीं ।।२
रात दिन इश्क़ में कर दिया एक था ।
जख्म़ ऐसा मिला की दवाई नहीं ।।३
अब कभी भी मिले वो तुम्हें बेवफ़ा ।
थाम उसकी कभी तू कलाई नहीं ।४
हो रहे कत्ल ए आम देख लो प्रेम से ।
हाथ खंज़र उठाना भलाई नहीं ।।५
दाग दिल के नहीं तुम धुले हो कभी 
अब किसी काम की यह सफाई नहीं  ।।६
है सुना जबसे उसकी नज़र है बुरी ।
देख हमने नज़र फिर मिलाई नहीं ।।७
दिल लिया है तो जान भी माँग लो ।
चीज यह सब तुम्हारी पराई नहीं ।।८
मान लो बात तुम अपने परिवार की ।
ऐसी तुमको मिलेगी भौजाई नहीं ।।९
बात करना वही जिसके सिर पैर हो ।
झूठ की हमने आदत बनाई नहीं ।।१०
जान से भी ज्यादा चाहता हूँ तुम्हें ।
बात ये और है की बताई नहीं ।। ११
की दुआ है सदा हर खुशी के लिए ।
बद नज़र हमने  तुझ पर उठाई नहीं ।।१२
इस तरह मत चलाओ प्रखर हुक्म अब  ।
दोस्त हूँ मैं तुम्हारा लुगाई नहीं ।।१३

०२/११/२०२३    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-


दिल किसी से लगाना बुराई नहीं ।

चाहतें दिल से उसकी मिटाई नहीं ।।१
ग़ज़ल :-

दिल किसी से लगाना बुराई नहीं ।
चाहतें दिल से उसकी मिटाई नहीं ।।१
कोई तुमसा यहाँ हरजाई नहीं ।
बाजी घर में मेरे शहनाई नहीं ।।२
रात दिन इश्क़ में कर दिया एक था ।
जख्म़ ऐसा मिला की दवाई नहीं ।।३
अब कभी भी मिले वो तुम्हें बेवफ़ा ।
थाम उसकी कभी तू कलाई नहीं ।४
हो रहे कत्ल ए आम देख लो प्रेम से ।
हाथ खंज़र उठाना भलाई नहीं ।।५
दाग दिल के नहीं तुम धुले हो कभी 
अब किसी काम की यह सफाई नहीं  ।।६
है सुना जबसे उसकी नज़र है बुरी ।
देख हमने नज़र फिर मिलाई नहीं ।।७
दिल लिया है तो जान भी माँग लो ।
चीज यह सब तुम्हारी पराई नहीं ।।८
मान लो बात तुम अपने परिवार की ।
ऐसी तुमको मिलेगी भौजाई नहीं ।।९
बात करना वही जिसके सिर पैर हो ।
झूठ की हमने आदत बनाई नहीं ।।१०
जान से भी ज्यादा चाहता हूँ तुम्हें ।
बात ये और है की बताई नहीं ।। ११
की दुआ है सदा हर खुशी के लिए ।
बद नज़र हमने  तुझ पर उठाई नहीं ।।१२
इस तरह मत चलाओ प्रखर हुक्म अब  ।
दोस्त हूँ मैं तुम्हारा लुगाई नहीं ।।१३

०२/११/२०२३    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-


दिल किसी से लगाना बुराई नहीं ।

चाहतें दिल से उसकी मिटाई नहीं ।।१

ग़ज़ल :- दिल किसी से लगाना बुराई नहीं । चाहतें दिल से उसकी मिटाई नहीं ।।१ #शायरी