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वो हसीन चेहरा था मुरझाया हुआ सा किसी कश्मकश में डू

वो हसीन चेहरा था मुरझाया हुआ सा
किसी कश्मकश में डूबा हुआ सा
उसके बालों पर गुलाब तो थे खिले खिले से
पर लग रहें थे कुछ अनमने से
यूँ लगता था बस टांक दिये गये
उलझन में जैसे उलझा से दिये
उनकी खुशबू और चेहरे की रंगत
बयां करती थी कुछ और
यूँ लग रहा था जैसे दिल है बड़ा मजबूर....
किस्सा कुछ गुलाब सा  ही था
कभी खिला तो कभी मुरझाया सा था

©Rajni Sardana
  #उसकेबालोंपरगुलाब