Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम, मुझे अच्छे लगने लगे, यह मेरी पहली, भूल थी...

तुम,
मुझे अच्छे लगने लगे,
यह मेरी पहली, 
भूल थी...

तुम्हें चाहा, 
प्यार किया,
इज़हार किया,
एतबार किया,
ज़िंदगी,
पुरसुकून थी,
दूसरी, 
भूल थी....

तुमसे प्यार की, 
उम्मीद की,
'उम्मीद पर है दुनियाँ कायम',
सोंचकर,
तुम्हारे लौट आने की,
उम्मीद की,

भूल गया था,
यह उम्मीद ही,
मेरे पाँव का,
शूल थी।
यह मेरी तीसरी,
भूल थी....

भूल गया था,
तेरी चाहत,
मुहब्बत,
सब झूठ थी,
असल में,
तुझसे मुहब्बत ही,
मेरी ज़िंदगी की,
सबसे बड़ी, 
भूल थी।

©HINDI SAHITYA SAGAR
  #lonely 
#hindisahityasagar  #poetshailendra