सूखी धरती, सूखी जमीन पर पहली, पहली बारिश की वह पहली पहली बूंद है.... झूमे धरती, झूमे गगन तन मन नहाए, ऐसा गंगा सा वह पावन जल है, पहली पहली बारिश की वह पहली पहली बूंद है.... भीगी धरती, भीगा सारा आंगन रंग-बिरंगे फूलों से सजे वह सावन शोर मचा दे ऐसा नटखट पवन है पहली पहली बारिश की वह पहली, पहली बूंद है.... ©Sudha Betageri #sudha