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सैलाब को देखते ही आता है ख्याल जिंदगी कब तक रहेगी

सैलाब को देखते ही
आता है ख्याल
जिंदगी कब तक
रहेगी बेहाल

कभी तरस रहे थे
एक बूँद पानी को
आज पानी ही
बन गया काल

मगर इसमें भी
किसी की भूख मिटती है
चल दिए लोग
हाथों में जाल

कोई बिक जाता है
खुशियाँ खरीदने में
कोई बेचकर बेखुद
हुआ मालामाल

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
  #सैलाब