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मन मेरा ये बार बार कहें की देखो, अब जाना नहीं मेर

मन मेरा ये बार बार कहें की देखो, अब जाना नहीं 
मेरी यादों से ,बातों से ख़ुद को जुदा करना नहीं 

मेरी रूह पर पड़ी सिलवटें ,तेरे रूठने से मिटेगी नहीं 
नींद के आगोश में ख़्वाब तेरे ,तेरे बग़ैर देखना नहीं 

सुबह की खुशनुमा धूप से रंगत स्याह होती नहीं 
 सूर्यमुखी के जैसे सामने रहना, की अब जाना नहीं

©Sadhna Sarkar
  #ankahe_jazbat💫💫

ankahe_jazbat💫💫 #शायरी

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