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तुम से ईश्क भी क्यों ना हो भला । में तुम्हें कब से

तुम से ईश्क भी क्यों ना हो भला ।
में तुम्हें कब से जानता हूं मैं नहीं जानता 
इस ज़माने की बातों से क्या लेना मुझे ।
में इधर किसी को भी नहीं पैहचानता ।
में तंग आ चुका हूं इस शोर सराबे से ।
में अपने इर्द गिर्द भीड़ भी नहीं चाहता।
और हां मुझे खेलने का कोई शौक नहीं ।
में इस ज़माने की दौड़ में नहीं भागता ।
बस तुम से ईश्क है तुम मिलो ना मिलो ।
वक्त ने क्या सोच रखा है मे नही जानता ।

©Vickram
  नहीं जानता,,,,
vickram4195

Vickram

Silver Star
New Creator

नहीं जानता,,,, #शायरी

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