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समय क्षितिज पे सूर्य समर्पण, पर तेरा उदय निरंतर है

समय क्षितिज पे सूर्य समर्पण,
पर तेरा उदय निरंतर है।

योग और संजोग में,
बस एक यही तो अंतर है ।

©नज़रत #Yoga #kavi #poem #Hindi #hindi_poetry #Love #Shayar #Art
समय क्षितिज पे सूर्य समर्पण,
पर तेरा उदय निरंतर है।

योग और संजोग में,
बस एक यही तो अंतर है ।

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