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फूल वो क्या गुलाब का जो खिला नहीं, शिकवा करूँ क्य

फूल वो क्या गुलाब का जो खिला नहीं, 
शिकवा करूँ क्या, जो कभी मुझे मिला नहीं,,।
बदनसीब हूँ या वक़्त का मारा, 
बड़ी मुश्किल से एक चिराग मिला, 
पर वो भी जला नहीं। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #Vicharo_ni_duniya