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मेरी आंखे नहीं खुलती । जब तक तुम्हारी गालियां.....

मेरी आंखे नहीं खुलती ।
जब तक तुम्हारी गालियां.....
मेरे कानों तक न आए।
मेरी तो हर सुबह ऐसी ही होती हैं
तुम्हारी डांट और सुबह की चाय ।
मेरे हर कामों में ..…
तुम कमियां निकालती हो...।
नहीं देखती जगह अब भी ,
आता है गुस्सा...
तो डांटने लग जाती हो
सच बताऊं तो बुरा लगता है मुझे
कि मां अब हम बड़े हुए
लेकिन तुम्हारे लिए , हम कब बड़े हुए 
मां.. वो तुम्ही हो 
जो मेरी थाली में , एक रोटी ज्यादा डालती हो
मेरी जरूरतों का ख्याल , मुझसे ज्यादा है तुम्हे
जो सोती नहीं आंखे रात भर वो तुम्हारी है
रात में हट जाए चादर मेरे ऊपर से 
ठंड में वो तुम्ही हो मां
जो मेरे ऊपर डालती हो।
✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या



 #रातकाअफ़साना #मां_की_ममता #मां_तेरा_कोई_मोल_नही  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi    #rzसुबहकेसपने
मेरी आंखे नहीं खुलती ।
जब तक तुम्हारी गालियां.....
मेरे कानों तक न आए।
मेरी तो हर सुबह ऐसी ही होती हैं
तुम्हारी डांट और सुबह की चाय ।
मेरे हर कामों में ..…
तुम कमियां निकालती हो...।
नहीं देखती जगह अब भी ,
आता है गुस्सा...
तो डांटने लग जाती हो
सच बताऊं तो बुरा लगता है मुझे
कि मां अब हम बड़े हुए
लेकिन तुम्हारे लिए , हम कब बड़े हुए 
मां.. वो तुम्ही हो 
जो मेरी थाली में , एक रोटी ज्यादा डालती हो
मेरी जरूरतों का ख्याल , मुझसे ज्यादा है तुम्हे
जो सोती नहीं आंखे रात भर वो तुम्हारी है
रात में हट जाए चादर मेरे ऊपर से 
ठंड में वो तुम्ही हो मां
जो मेरे ऊपर डालती हो।
✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या



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