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उसकी यादें ने कब पीछा छोड़ा था मैंने यादों को यादो

उसकी यादें ने कब पीछा छोड़ा था 
मैंने यादों को यादों ने मुझे जकड़ा था

हमेशा साथ रहने वाले भी छूट जाते हैं 
सब वक़्त की ताबीर  पर कागज के महल हैं 

साथ में थे तो अहमियत जाती रही थी 
अब अलग हो गए है तो रात भर याद आती रही 

सब व्यस्त हैं अपने अपने स्वार्थ सिद्धि में 
सब दौलत के साथी हैं मुश्किल में हुये बेगाने

©करिश्मा ताब
  #Hope #ताब #गज़ल