बन के परिन्दे मेरी ख्वाहिशें, दूर जाती रहीं, जैसे मैं कोई बेजान सूखा दरख्त हूँ। #स्वरचित © #शून्य #दरख्त #सूखा #योरकोटराइटर्सक्लब #योरकोट_हिंदी #परिंदे