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USM Initiative
White परिंदे है हमारे दिल भी साहेब परिंदों का मकां कोई नही है ©Gazal #sad_quotes #parindey #परिंदे शायरी हिंदी में शेरो शायरी शायरी दर्द शायरी लव
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read moreArjun Rawat पार्थ
White मैने रेत को बंद मुठियों में फिसलते देखा है,, मैने ढलते सूरज को पहाड़ों कि गोद से निकलते देखा है,, आशमानो कि ख्वाइश रखते हैं जो लोग ,, मैने उन्हे बेजुबान परिंदो को पिंजरों में कैद करते देखा है,, ©Arjun Singh #परिंदे #पिंजरे #आसमान #पहाड़ #सूरज #गोद #रेत Subhashree Sahu Nirankar Trivedi Santosh Narwar Aligarh Aman Singh Aanshi queen गम भरी शायरी
poonam atrey
ज्यादा कुछ कहां मांगते हैं ,बस दो बूंद पानी हमारे हक का दे दो , जीना चाहते हैं हम भी धरती पर ,बस चंद हमे भी सांसें दे दो , मत मिटने दो अस्तित्व हमारा , हम भी धरती के हैं प्राणी , अपनी किस्मत का दाना खाते ,अपने हिस्से का पीते पानी , हम भी तुम्हारी दुनिया का हिस्सा हैं ,क्यों तोड़ते हो नीड हमारे काट डाले सभी वृक्ष तुमने , विध्वंश कर डाले जंगल सारे , मत विनाश करो प्रकृति का ,थोड़ा तो हम पे कर लो रहम, कुदरत के बिन तुम ना जीवित रहोगे ,मत पालो मन में मिथ्या भरम, बस कुछ दाने और दो बूंद जल ,जी लेंगे हम भी चन्द सांसें, उड़ने दो ऊंचे अम्बर में खुलकर ,खोल दो अब क्यों पंख हमारे बांधे।। पूनम आत्रेय ©poonam atrey #परिंदे #पूनमकीकलमसे #नोजोटोराइटर्स Ashutosh Mishra Ravi Ranjan Kumar Kausik Anshu writer Sunita Pathania Andy Mann Niaz (Harf) हिंदी कविता कविता
#परिंदे #पूनमकीकलमसे #नोजोटोराइटर्स Ashutosh Mishra Ravi Ranjan Kumar Kausik Anshu writer Sunita Pathania Andy Mann Niaz (Harf) हिंदी कविता कविता
read moreMukesh Poonia
White हौसलों को मेरे जरा सी परवाज मिल जाए कि हम वो परिंदे हैं जो पिंजरा ही ले उड़ेंगे . ©Mukesh Poonia #love_shayari #हौसलों को मेरे जरा सी #परवाज मिल जाए कि हम वो #परिंदे हैं जो #पिंजरा ही ले #उड़ेंगे
Madhur Nayan Mishra
White खींच दी है लकीरें हमने जमीन पर, कोई हवा, बारिश और परिंदों को भी रोकने का उपाय बताए... ©Madhur Nayan Mishra #sad_quotes #लकीरें #जमीन #हवा #बारिश #परिंदे #शायरी
Mr Creation
#जानता😅 हूँ मै कहाँ #तक है #उड़ान✈️ इनकी, #आखिर मेरे ही #हाथ👏 से निकले #परिंदे 😎है ये !! ©Mr Creation
virender singh
खेल दोनों का चले तीन का दाना न पड़े सीढ़ियाँ आती रहें साँप का ख़ाना न पड़े देख मे'मार परिंदे भी रहें घर भी बने नक़्शा ऐसा हो कोई पेड़ गिराना न पड़े मेरे होंटों पे किसी लम्स की ख़्वाहिश है शदीद ऐसा कुछ कर मुझे सिगरेट को जलाना न पड़े इस तअल्लुक़ से निकलने का कोई रास्ता दे इस पहाड़ी पे भी बारूद लगाना न पड़े रब्त की ख़ैर है बस तेरी अना बच जाए इस तरह जा कि तुझे लौट के आना न पड़े हिज्र ऐसा हो कि चेहरे पे नज़र आ जाए ज़ख़्म ऐसा हो कि दिख जाए दिखाना न पड़े उमैर नजमी #गजल #शेर #खेल #सांप #नक्शा #पेड़ #परिंदे #सिगरेट #पहाड़ी #ख्वाब #चेहरा #जख्म #mushaironkidunia ©virender singh #relaxation
AJAY NAYAK
परिंदो से सिखो परिंदो से सिखो बैठकर उड़ जाना वापस फिर से वहीं लौट आना परिंदो से सिखो एक एक तिनका जमा करना जमा करके ख़ुद का नया आशियाना बनाना परिंदो से सिखो एक एक दाने का सम्मान करना चुग चुग कर ख़ुद परिवार का भरण पोषण करना परिंदो से सिखो नित नए आयाम बनाना आज यहां तो कल वहां तक का सफ़र तय करना परिंदो से सिखो, भले अलग अलग जाना जब भी लौटना, एक कतार बनाकर ही लौटना एकता क्या होती है ये परिंदो से ही पूछना झुंड में ही कहीं जाना झुंड में ही वापस लौटकर आना –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #परिंदे परिंदो से सिखो परिंदो से सिखो बैठकर उड़ जाना वापस फिर से वहीं लौट आना परिंदो से सिखो एक एक तिनका जमा करना जमा करके ख़ुद का नया आशियाना बनाना
#परिंदे परिंदो से सिखो परिंदो से सिखो बैठकर उड़ जाना वापस फिर से वहीं लौट आना परिंदो से सिखो एक एक तिनका जमा करना जमा करके ख़ुद का नया आशियाना बनाना
read morem kalvadiya
परिंदो को भी होसलो कि जरूरत हें यूही नही आसमानो को नाप जाते हें ©m kalvadiya #परिंदे
Ram Yadav
#जंगलों में जाकर सुकूं मिलता है मुझे जानवर अक्सर मेरे #दोस्त हो जाते हैं... #समंदर कहकहाते हैं मेरे साथ बैठकर #पहाड़ मुझसे मिलकर मोम हो जाते हैं... #फूल बिछे जाते हैं राहों में मेरी #झरने मुझसे मिलकर बहुत खुश हो जाते हैं... #परिंदे डाली छोड़ मेरे पास आ बैठते हैं #नदियां और #दरख़्त मेरे साथ-साथ गाते हैं... #भूतों को अक्सर मैं पसंद आ जाती हूं #प्रेतों को मेरे किस्से बहुत लुभाते हैं... #चाँद मेरी खिड़की पर रोज दस्तकें देता है #बादल घुमड़ घुमड़कर आवाज़ लगाते हैं... #बारिशें रो पड़ती हैं मेरी उदासी देखकर मैं रूठ जाऊं अगर ये #मौसम मुझे मनाते हैं... बड़ा #नाज़ आता है कभी-कभी ख़ुद पर #इंसाँ इक ना हुआ मेरा ये सब मुझपर मरे जाते हैं... ना जाने क्यों लगती है ये #प्रकृति मुझे अपनी ना जानें क्यों ये सब मुझ पर #जां लुटाते हैं !! -मोनिका ©Ram Yadav #Nature