#Pehlealfaaz *"पहले अल्फाज़' कुछ यूँ है के, 'बदहाल' से पड़े हैं तेरा 'ज़िक्र' जो है उनमे, कई 'साल' से पड़े हैं 'तारीफ़-ए-यार'मे जब लिखा,'फरेब शब्दों' से किया 'गज़ल' के तब से ही, बिखरे 'ताल' से पड़ें है *"पहले अल्फाज़' कुछ यूँ है के............... तेरा 'ज़िक्र' जो है उनमे....................... कुछ बातें 'दिल्लगी' की, कुछ बातें 'दर्दे-ए-दिल' की कुछ 'अहले-वफ़ा' के किस्से, कुछ बातें 'अनकही' सी 'खाबों' पे मेरे 'फर्ज़ों के जंजाल' से पड़े हैं, *"पहले अल्फाज़' कुछ यूँ है के................ तेरा 'ज़िक्र' जो है उनमे....................... 'सार' अल्फाज़ #pehlealfaaz #pehlaalfaaz #सार #शायरी