तेरी यादें जल उठीं मुझ को जगाया रात भर
बे-क़रारी छा गई मुझ को रुलाया रात भर
नींद तुझ को भी नहीं आई मिरे बिन रात भर
नाम मैंने भी तिरा ही गुनगुनाया रात भर
दर्द जब तुम ही ना समझे क्या बताता दुनिया को
चोट खाई दिल जलाया मुस्कुराया रात भर #Poetry#poem#Shayari#शायरी#OctoberCreator