ये जरूरी तो नहीं मिल जाने से ही मेरी मोहब्बत मुक्कम्ल होगी। ये सब पता होते हुए भी बेपनाह मोहब्बत किए जा रहे है। रश्मि एक अजीब सा नशा हे तेरी आंखों में। रश्मि एक अजीब सी कशिश हैं तेरी बाहों में। बस तुम्हे देख कर जीए जा रहे है। न जाने कब खत्म होगा मेरा ये इंतजार न जाने कब नसीब होगा तेरा हुस्न ए दीदार बस इस उम्मीद पर जीए जा रहे है। खुदा करे मौत भी आए तो बाहें तेरी हो। एसे दिन के लिए खुशी से जिए जा रहे । शोक सा लग गया है रश्मी मरने का तुम्हारी बाहों में। खुदा करे वो मकाम मिले मुझे इस प्यार की राह में ©Afzal Rana अफजल चौधरी #roseday