जिस्म की चाहत रखने वाले, इश्क़ की दास्तां क्या समझेंगे, दरिया में रहने वाले समंदर का उफान क्या समझेंगे, और मेरी चाहत का यूं ना इम्तिहान लो मोहतरमा, हम जैसे आशिक़ इश्क़ को जिस्म का खेल क्या समझेंगे।। @ShishirCCR #poetry #poetrycommunity #writersofinstagram #poetsofinstagram #poetryisnotdead #poem #writer #poems #poet #writing