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दर्द ए दिल की निशानी रह गई लम्हा गुज़र गया कहानी रह

दर्द ए दिल की निशानी रह गई
लम्हा गुज़र गया कहानी रह गई

ग़म सहे हैं ज़ख़्म निखरने तक
आते आते दर पे शादमानी रह गई

सब हक़ीक़त ही थे किस्से तमाम
ज़िन्दगी मुकम्मल कहानी रह गई

वक़्त ने वक़्त की मोहलत लूटी
बाक़ी हालात की मेहरबानी रह गई

उधर सैलाब में डूब गई थी बस्ती
इधर नदी प्यासी बिन पानी रह गई

झूट - फ़रेब- नफ़रत और सितम
यही इंसान की कारस्तानी रह गई
( मोहम्मद मुमताज़ हसन ) #दर्ददिलोंके #ग़जल
दर्द ए दिल की निशानी रह गई
लम्हा गुज़र गया कहानी रह गई

ग़म सहे हैं ज़ख़्म निखरने तक
आते आते दर पे शादमानी रह गई

सब हक़ीक़त ही थे किस्से तमाम
ज़िन्दगी मुकम्मल कहानी रह गई

वक़्त ने वक़्त की मोहलत लूटी
बाक़ी हालात की मेहरबानी रह गई

उधर सैलाब में डूब गई थी बस्ती
इधर नदी प्यासी बिन पानी रह गई

झूट - फ़रेब- नफ़रत और सितम
यही इंसान की कारस्तानी रह गई
( मोहम्मद मुमताज़ हसन ) #दर्ददिलोंके #ग़जल