याद है...? जीवन की प्रथम यात्रा माँ के गर्भ से भौतिक सृष्टि की, वैराग्य.... मात्र इस की पुनरावृत्ति ही है परंतु इस बार विपरीत दिशा में... सृष्टि से......गर्भ तक, हाँ... वही प्राप्त होगा तुम्हे तुम्हारा विस्मृत चैतन्य.....अनश्वर मूल रूप समाधिस्थ शिव..... #yqdidi #spirituality #हिंदीqoutes #वैराग्य #आत्मबोध #विष्णुप्रिया