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झूला आओ गोरी तुम्हें झूला झूलाते हैं बांहों में

झूला

आओ गोरी तुम्हें  झूला झूलाते हैं
बांहों में भर मधुर गीत गुनगुनाते हैं
सावन में मस्त भ्रमर इत उत उड़े है
कलियों को छेड़त रस ले उड़े है

तन-मन मेरा भी बेबस हुए जाए
तुमको सोचकर ही मदहोश हुए जाए
प्रेम के फुहारों से तुम भी भीग जाओ
आ भी जाओ अब और ना सताओ



कृष्णार्थ

©KRISHNARTH #झूला
झूला

आओ गोरी तुम्हें  झूला झूलाते हैं
बांहों में भर मधुर गीत गुनगुनाते हैं
सावन में मस्त भ्रमर इत उत उड़े है
कलियों को छेड़त रस ले उड़े है

तन-मन मेरा भी बेबस हुए जाए
तुमको सोचकर ही मदहोश हुए जाए
प्रेम के फुहारों से तुम भी भीग जाओ
आ भी जाओ अब और ना सताओ



कृष्णार्थ

©KRISHNARTH #झूला