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वो आकाश में मेघ बनाया करती थी। मैं उनसे बरसात गिरा

वो आकाश में मेघ बनाया करती थी।
मैं उनसे बरसात गिराया करता था।।

वो चंचल सी तितली पकड़ा करती थी।
मैं उन पर ग़ज़लें लिख जाया करता था।।

वो चाँद सरीखी अम्बर पर छा जाती थी।
मैं उस पर तारे बिखराया करता था।।

वो लहरों सी इठलाती चलती आती थी।
मैं साहिल से जब उसे बुलाया करता था।।

वो दिन भर कोई चित्र उकेरा करती थी।
मैं फिर उनमें रंग सजाया करता था।।

वो झीलों से मोती चुनती रहती थी।
मैं झीलों में मोती रख आया करता था।।

वो गोद में रख कर सर सो जाया करती थी।
मैं ज़ुल्फ़ों में हाथ फिराया करता था।।

वो सोते-सोते कई दफा मुस्काती थी।
मैं उसको इक ख़्वाब दिखाया करता था।।

सुबह-सुबह वो सूर्य जगाया करती थी।
रोज़ रात मैं चाँद सुलाया करता था।।

वो अक्सर मेरा रस्ता देखा करती थी।
मैं जब भी घर देर से जाया करता था।। हम 👦👩
#nojoto #nojotohindi #psr
वो आकाश में मेघ बनाया करती थी।
मैं उनसे बरसात गिराया करता था।।

वो चंचल सी तितली पकड़ा करती थी।
मैं उन पर ग़ज़लें लिख जाया करता था।।

वो चाँद सरीखी अम्बर पर छा जाती थी।
मैं उस पर तारे बिखराया करता था।।

वो लहरों सी इठलाती चलती आती थी।
मैं साहिल से जब उसे बुलाया करता था।।

वो दिन भर कोई चित्र उकेरा करती थी।
मैं फिर उनमें रंग सजाया करता था।।

वो झीलों से मोती चुनती रहती थी।
मैं झीलों में मोती रख आया करता था।।

वो गोद में रख कर सर सो जाया करती थी।
मैं ज़ुल्फ़ों में हाथ फिराया करता था।।

वो सोते-सोते कई दफा मुस्काती थी।
मैं उसको इक ख़्वाब दिखाया करता था।।

सुबह-सुबह वो सूर्य जगाया करती थी।
रोज़ रात मैं चाँद सुलाया करता था।।

वो अक्सर मेरा रस्ता देखा करती थी।
मैं जब भी घर देर से जाया करता था।। हम 👦👩
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हम 👦👩 nojoto #nojotohindi #psr #poem