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White मैं कहां हुं कैसे पता लगता है मेरा साया कुछ

White मैं कहां हुं कैसे पता लगता है
मेरा साया कुछ दिनों से परेशान लगता है।

खूबसूरती सारी की सारी छोड़ दी
चेहरे से तू फिर भी गुनाहगार लगता है।

वो सोचता है मैं उसके बगैर बिखर गया
बिखर कर कोई इस तरह भला हँसने लगता है।

एक एक करके सबको खुद से दूर किया
अब खुदसे दूर होके बता कैसा लगता है।

लाइलाज बीमारी है तुम सोचते हो 'स्याह'
सोचने पर कौन भला अपना लगता है।

खटखटा रहा हैं दरवाज़ा कोई बाहर से
शायद कोई अंदर मरा लगता है।

©Sayah~
  #SAD #Poetry #gazal #Shayari #HeartBreak #lonely
rahulsharma5805

Sayah~

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